Raja Yoga In Palmistry
अक्षया जन्मपत्रीयं ब्रह्मणा निर्मिता स्वयम्।
ग्रहा रेखाप्रदा यस्यां यावज्जीवं व्यवस्थिता।।
ग्रहा रेखाप्रदा यस्यां यावज्जीवं व्यवस्थिता।।
हस्त संजीवन के अनुसार मनुश्य का हाथ एक ऐसी जन्म पत्रिका है जो कभी नश्ट नही होती तथा स्वंय ब्रह्म ने बनवाया है। इस जन्मपत्रिका मे किसी भी प्रकार का गृह गणित की व्यवस्थाओ मे त्रुटि होना असंभव है। इस जन्मपत्री मे रेखाएं व चिन्ह गृह की तरह ही फल देने की सामथ्र्य रखती है। यही मात्र एक ऐसी जन्तपत्रिका जो सम्पूर्ण जीवन भर व्यवस्थित रूप मे साथ रहती है। तीनो लोको मे हस्तरेखा से बढकर कोई भविश्यकथन का उत्तम षास्त्र नही है।
Sanjivan hand the hand of the man who has ever Nst do not have a horoscope and is built by God himself. Home mathematical practices of any kind in this horoscope is not possible error. Lines and signs in the horoscope Home Samthry holds to the same fruit. That's just with a Jntptrika in which all life is organized. Best of Loco Bvishykthan Shastr no increased from three in the Palm is not.
हस्तेन पाणिगृहणं पूजाभोजनषान्तयः।
साध्या विपक्षविध्वंसप्रमुखाः सकलाः क्रियाः।।
साध्या विपक्षविध्वंसप्रमुखाः सकलाः क्रियाः।।
हाथ ही समस्त कर्मो का साधन है। इसके द्वारा ही संसार के धर्म के पालन के लिए विवाह समय पाणिगृहण किया जाता है। इसी से पूजा,यज्ञ,दान,भोजन,षान्तिकर्म एवं विपक्षियो का विध्वंस किया जाता है। इस कारण से हस्त का अत्युत्तम महत्व सर्वविदित है। मनुश्य स्वाभाविक जिज्ञासु होता है। जिससे वह अपने भाविश्य के बारे मे जानकारी प्राप्त करने हेतु अपना हाथ दिखाता फिरता है। मनुश्य की इसी जिज्ञासा को षांत करने उदृेष्य से समुद्व मुनि ने हस्तरेखा विघा प्रकाषित कर लोगो का उपकार किया।
Hand is the source of all our deeds. Follow the religion of the world by the time the marriage is Panigrihn. The worship, sacrifice, charity, food, Shantikarm and Vipakshio is demolished. The great importance of the hand is well known. Man is naturally curious. Bavishy information about himself to show your hand does. Udrieshy man with the same curiosity to Shant Smudv Muni favor of Palm logo has been published Viga.
Raja Yoga Information Through Palmistry
(1) जिस जातक के हाथ मे दसो अंगुलियो पर चक्र के निषान हो तो उसको उत्त्मोउत्तम राजयोग की प्राप्ति अवष्य होती है। महाराजा दुश्यन्त ने जब षेर के दांत गिनते हुए बालक को देखा तो उनकी इच्छा उस बालक के हाथ को देखे बिना षांत नही हुई। जब महाराजा ने बालक के हाथ मे दस चक्र के निषान देखे तो उन्होने पुर्णतया विष्वास के साथ कहा कि यह मेरा ही बालक हो सकता है। यही बालक आगे चलकर भरत नाम का चक्रवती सम्राट बना। किसी भी जातक के हाथ पर यदि चक्र का निषान हो तो उसे राजयोग की प्राप्ति अवष्य होती है। जितने चक्र अधिक होंगे या जितना चक्र स्पश्ट रूप से दृश्ट होगा उतना ही प्रबल राजयोग होता है।
In the hands of the Jataka Dso Angulio Nishan on the circle so it is Uttmouttm Avshy the attainment of Raja Yoga. King Dushyant counting the teeth of the Ser saw their child without seeing the boy's hand was not Shant. When the king saw the boy's hand ten cycles Nishan Puarntya he said with confidence that it could be my child. The boy later became emperor Chakrabarty name Bharat. Nishan's hand on the wheel of a Jataka then it is Avshy attainment of Raja Yoga. The cycle will be more or equally strong view of the wheel Clear is Raja Yoga.
(2) हाथ एवं अगंुलियो के पृश्ट भाग पर यदि एक छिद्र मे एक ही बाल हो तो उसे भी राजयोग की प्राप्ति अवष्य होती है। बालो का मुलायम होना एवं उनमे चमक भी रहना राजयोग को बढ़ाने वाले होते है।
Hand & Aganulio Prist part of the same child in a hole then it is also Avshy the attainment of Raja Yoga. Raja's hair to soften and even to increase them are shining.
(3) अंगुठे के अग्र भाग पर स्टार का चिन्ह होना राजयोग का कारक है। ऐसे जातक जनप्रतिनिधि होते है। यदि इस चिन्ह पर आडी या तिरछी रेखा टुटी फुटी हो तो राजयोग मघ्यावधि मे ही समाप्त हो जाता है।
Angute to sign on the front of the star is a factor of Raja Yoga. Jataka who are public representatives. Audi on the mark or if oblique Tuti footy Mgyavdi Raja is in the end.
(4) जिस जातक के नाखुन कछुए की पीठ की तरह उठाव लिए हुए, लाल, चमकीले पतले एव गुलाब की रंगत वाले हो तो जातक को राजयोग प्राप्त होता है।
To lift the Jataka like the back of a turtle's nails, red, bright rose-toned thin if Yew Jataka receive a Raja Yoga.
(5) यदि जातक के हाथ मे समुद्व, अंकुष, कुण्डल या छत्र का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति राजयोग का सुख अवष्य भोगता है। स्वास्तिक, चॅवर, सिहासन, मुकुट, मछली, छत्र, ध्वजा, दण्ड, हाथी का चिन्ह हो उसे भी रातयोग प्राप्त होता है।
In the hands of the Jataka Smudv, Ankus, Helix or if signs cover Avshy a person indulges the luxury of Raja Yoga. Swastika, Cॅvr, Sihasn, crowns, fish, umbrella, flag, penalty, be a sign of the elephant get her Ratyog.
(6) जातक का अंगुठा मजबुत, 90‘ से अधिक व कम कोण न बनाता हो, अंगुठा फेलाने पर तर्जनी अंगुजी के प्रथम पोर से आगे निकलता हो, अंगुठे के बीच मे केदार का चिन्ह हो तो जातक को राजयोग की प्रथम पोर से आगे निकलता हो, अंगुठे के बीच मे केदार का चिन्ह हो तो जातक को राजयोग की प्राप्ति अवष्य होती है।
Jataka toe of a tough, 90 "makes more and not less angle, toe Felane Anguji the index is the sum of the first knuckle, then the sign of Kedar Angute Jataka in the middle of the first knuckles of the Raja of the sum of If, in the midst of Angute if the sign of Kedar Avshy Jataka is the attainment of Raja Yoga.
(7) अनामिका के पहले पर्व उध्र्व रेखा हो, सूर्य रेखा भी स्पश्ट नजर आ रही हो तो जातक को राजयोग की प्राप्ति होती है। उध्र्व रेखा व सूर्य रेखा जितनी अधिक स्पश्ट होगी उतना ही प्रबल राजयोग होगाा।
Ring Udhrw line the first day, the sun seems to always move that clarifies the Jataka is the attainment of Raja Yoga. Clear lines and sun line Udhrw higher the more potent Hogaa Raja.
(8) मणिबंध से षनि पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहते है। यदि भाग्य रेखा अंगुठे की तरफ जा रही हो तो किसी मंत्री के कारण राज्य सुख, तर्जनी की तरफ जाए तो मत्री पद, मध्यमा के मूल की तरफ जा रही हो तो राजसुख,
From wrist to Sni Mountain called fate line on the line. If the fate line if you're going to Angute the pleasure of the minister, if the index Minister post, if you're going to the middle of the original Rajasuk,
(9) मणिबंध की रेखाओ के बीच मे यव का निषान होने पर राज्य सुख की प्राप्ति होती है। यदि मणिबंध रेखाओ के पिछली तरफ यव का निषान हो तो तब भी राजयोग की प्राप्ति अच्छी रहती है।
Wrist in barley between the lines on the Nishan is the attainment of happiness. Nishan's last lines of barley on the wrist so the attainment of Raja Yoga is good too.
(10) भाग्य रेखा का स्पश्ट होना, षनि पर्वत उभार लिए हो व सूर्य पर्वत भी उभरा हो, इन पर किसी प्रकार का अषुभ चिन्ह न हो तो राजयोग की प्राप्ति होती है।
राजयोग के क्षैत्र सम्बंन्धी जानकारी हेतु गृहो के पर्वतो की स्थिति का अवलोकन करना चाहिए। वृह पर्वत प्रधान हो एवं षुभ संकेत भी हो तो अध्यापन के श्रेत्र मे, बुध पर्वत प्रधान होने पर भी अध्यापन, लेखा कार्यो से मंगल पर्वत के प्रधान होने पर पुलिस सेना एवं अन्य साहसिक कार्यो वाली सेवा, चंद्र प्रधान हो तो चिकित्सा विभाग मे, षुक्र बलवान होने पर मनोरंजन विभागीय राजकीय सेवा प्राप्त होती है। सूर्य बलवान होने पर उच्च स्तर की राजकीय सेवा प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार से सेवा योग नही बन रहा हो तो जातक को अलौकिक विघा का सहारा लेना चाहिए।
To clarify the fate line, sun saturn mountain ridge mountains have emerged and, if these do not sign any Asub is the attainment of Raja Yoga.
For information on area houses of Raja Yoga solicitation should review the status of the mountain. Sub signal mountain and then head Vrih Sretr in teaching, the teaching on Sun Mountain leader, head of the accounting function on Tue Mount Police Force and other adventurous pursuits service, moon-head in the Department of Medicine, Sukr strong public service is the entertainment department. The sun is strong at the high level of service to the state. Yoga is not getting any service from the Jataka Viga must resort to the supernatural.
No comments:
Post a Comment